*अनुभव की कलम से🖋*
मेले की भीड़ में बच्चा जब तक अपनों का हाथ पकड़कर चलता है, *उसे मेला बहुत सुंदर और शानदार लगता है...*
पर जब वह अपनों से बिछड़ जाये तो *वही मेला उसे डरावना और नीरस लगने लगता है*
सभी की दुनिया के मेले में यही स्थिति है, *हम जब तक अपनों से जुड़े हैं, उनका हाथ थामे हैं, दुनिया हमें बहुत सुंदर लगती है* पर कोई अपना रूठ जाये, बिछड़ जाये तो दुनिया की सारी रौनकें खत्म हो जाती हैं, सच में हम सभी एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं
*इसलिए अपनों का हाथ थामे रखिये।*
🍁❤🍁
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👍🏻👍🏻
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